इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्रोटीन का सेवन: जानिए इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां - Intermittent Fasting and Protein Intake: What You Should Know In Hindi

इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्रोटीन का सेवन: जानिए इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां - Intermittent Fasting and Protein Intake: What You Should Know In Hindi

आजकल लोग अपनी सेहत का काफी ध्यान रखने लगे हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में अपना ध्यान रखना भी जरूरी है, क्योंकि बिजी लाइफस्टाइल के साथ कब बीमारियां शरीर को अपना घर बना ले, पता भी नहीं चलता है। ऐसे में लोग अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखने लगे हैं। इन्हीं सब के बीच कम खाना या फास्टिंग यानी उपवास रखने का चलन भी बढ़ता जा रहा है। 

कहते है न हमारे पुराने रिचुअल्स में कहीं न कहीं विज्ञान भी छिपा है। ठीक वैसे ही फास्टिंग यानी उपवास में सेहत के कई गुण छिपे हैं। देखा जाए तो फास्टिंग कई तरह के होते हैं और उन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting)। ऐसे में आज के इस खास आर्टिकल में आप न सिर्फ इंटरमिटेंट फास्टिंग  (Intermittent Fasting in hindi) के बारे में जानेंगे, बल्कि इस दौरान प्रोटीन के सेवन से जुड़ी जानकारी भी पढ़ेंगे। 

विषय सूची:

  • जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (आईएफ) क्या है?- What Is Intermittent Fasting In Hindi
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन क्यों जरूरी है?
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन कब लेना चाहिए?
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन को डाइट में शामिल करने की स्ट्रैटेजी - Protein Intake Strategies for Intermittent Fasting In Hindi
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कितना प्रोटीन लेना चाहिए? 
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान बेस्ट प्रोटीन सोर्स - Best Protein Sources for Intermittent Fasting in Hindi 
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान न करें ये गलतियां 
  • निष्कर्ष

जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (आईएफ) क्या है?- What Is Intermittent Fasting In Hindi

इंटरमिटेंट फास्टिंग (आईएफ- IF) ने हाल के कुछ वक्त में वेट मैनेजमेंट, मेटाबॉलिक हेल्थ और पूरे हेल्थ के लिए एक बेहतरीन उपाय के रूप में काफी लोकप्रिय हुआ है। हालाँकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले व्यक्तियों के बीच एक सामान्य चिंता बनी रहती है और वो है पर्याप्त प्रोटीन का सेवन करना। प्रोटीन मांसपेशियोंया या मसल्स के मेंटेनन्स के लिए, बेहतर इम्यून फंक्शन और ओवरऑल मेटाबोलिक हेल्थ के लिए जरूरी भूमिका निभाता है, जिससे यह समझना जरूरी हो जाता है कि फास्टिंग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रोटीन के सेवन को कैसे बैलेंस किया जाए।

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक तरह का खाने का पैटर्न है जो फास्टिंग और खाने के बीच का होता है। नॉर्मल या ट्रेडिशनल डाइट से अलग इस दौरान आप क्या खाते हैं उस पर ध्यान देता है। आसान शब्दों में समझे तो इंटरमिटेंट फास्टिंग, आप क्या खाते हैं और कितनी-कितनी देर में खाते हैं, उसमें ध्यान केंद्रित करता है। इसके कई अलग-अलग पैटर्न या मेथड शामिल हैं, जैसे - 

  • 16/8 मेथड - यह मेथड इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे पॉपुलर मेथड है। आमतौर से, इसमें व्यक्ति 16 घंटे फास्ट करता है यानी उपवास रखता है और 8 घंटे के विंडो में खाता है। इसे भी दो केटेगरी में बांटा गया है जो इस प्रकार है:

  • नाश्ता यानी ब्रेकफास्ट न करना - इस दौरान व्यक्ति ब्रेकफास्ट नहीं करता है और सीधे लंच के वक्त अपना पहला मील लेता है। फिर रात का डिनर जल्दी करने के बाद वो अगले दिन लंच तक का फास्ट करते हैं।

  • ईट स्टॉप ईट या 24 घंटे की फास्टिंग - इस फास्टिंग के दौरान व्यक्ति हफ्ते में एक या दो दिन 24 घंटे का फास्ट रखता है। इसका पैटर्न यह है कि अगर कोई व्यक्ति संडे रात को डिनर करता है तो अगले दिन मंडे रात तक वो कुछ नहीं खाता है। कई बार पूजा-पाठ के दौरान महिलाएं ऐसी इंटरमिटेंट फास्टिंग करती हैं। 

  • 5:2 डाइट: इस तरह के इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति हफ्ते के पांच दिन नॉर्मल बैलेंस डाइट लेता है। वहीं, हफ्ते के 2 दिन कैलोरी को कंट्रोल करके डाइट लिया जाता है। 

  • ऑलटर्नेट दिन यानी हर एक दिन छोड़कर: फास्टिंग का यह तरीका काफी पॉपुलर है। इस दौरान व्यक्ति एक दिन फास्टिंग यानी उपवास करता है और अगले दिन सबकुछ खा सकता है। हालांकि, सब कुछ खाने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप जंक फूड या कोई भी अनहेल्दी फूड खाएं। जिस दिन आप खा रहे हैं उस दिन आप स्वस्थ खाने के ऑप्शन पर ध्यान दें। वहीं, जिस दिन आप उपवास कर रहे हैं उस दिन अपने आपको अच्छे से हाइड्रेटेड रखें और कम से कम कैलोरी लें। 
  • एक दिन में एक मील : इस तरह के फास्टिंग में व्यक्ति एक दिन में एक ही फुल मील लेता है और पूरे दिन फास्टिंग करता है। इसके अलावा, इसी की तरह एक और फास्टिंग होती है जिसे वॉरियर डाइट कहते हैं, जिसमें पूरे दिन फल खा सकते हैं और रात में एक फुल मील लेने का पैटर्न रहता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन क्यों जरूरी है?


अब इन फास्टींग्स यानी उपवास के दौरान सबसे जरूरी बात है पोषक तत्वों का ध्यान रखना, खासतौर से प्रोटीन इंटेक का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है। मसल रिकवरी, सही मेटाबॉलिक फंक्शन और साथ ही साथ भूख को दबाने के लिए प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व है। आइये आगे इसे और अच्छे से समझते हैं:

  • मसल्स के लिए - फास्टिंग के दौरान कैलोरीज पर कंट्रोल किया जाता है, जिससे मसल लॉस का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में मांसपेशियों के रिकवरी के लिए हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। 
  • भूख को कंट्रोल करने के लिए - कार्बोहाइड्रेट और फैट की तुलना में प्रोटीन ज्यादा देर तक खाने की क्रेविंग्स को कंट्रोल कर सकता है। दरअसल, प्रोटीन पेट को देर तक भरा रख सकता है, जिससे खाने की क्रेविंग्स शांत रहती है और वजन बढ़ने का जोखिम भी कम हो सकता है। 
  • बेहतर मेटाबॉलिज्म - खाने में प्रोटीन को शामिल करना मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर कर सकता है। दरअसल, प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है और वजन कम करने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से कैलोरी ज्यादा से ज्यादा बर्न हो सकती है साथ ही साथ भूख भी कम हो सकती है, जिससे वेट लॉस का प्रोसेस फास्ट हो सकता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन कब लेना चाहिए?


अब सवाल यह उठता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन आखिर लेना कब चाहिए। तो यहां हम बता दें कि हर इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान एक वक्त ऐसा आता है जब आपके खाने का वक्त होता है यानी आपकी ईटिंग विंडो। तो ऐसे में यही वो टाइम होता है जब आप अपने डाइट में प्रोटीन को शामिल कर सकते हैं। अपने उस वक्त के मील में कोशिश करें कि प्रोटीनयुक्त फूड को डाइट का हिस्सा बनाएं। अब आगे हम जानेंगे कि आप इस दौरान प्रोटीन कैसे अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन को डाइट में शामिल करने की स्ट्रैटेजी - Protein Intake Strategies for Intermittent Fasting In Hindi

चूंकि खाने की विंडो छोटी होती है, इसलिए प्रोटीन को अच्छी तरह से प्लान करना जरूरी है। आप अपने ईटिंग विंडो के दौरान प्रोटीन को कई तरह से डाइट में शामिल कर सकते हैं:

  • मील में शामिल करें 
    खाने के दौरान, ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन लेने के लिए और मसल्स के प्रोटीन सिंथेसिस को सुनिश्चित करने के लिए अपने मील में प्रोटीन का सेवन ऐड करना जरूरी है। एक बार में ज्यादा क्वांटिटी में खाने के बजाय, जब भी आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खा रहे हैं उस दौरान प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने का लक्ष्य रखें।
  • प्रोटीन युक्त स्नैक्स लें 
    अगर आपके इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक से अधिक बार मील या छोटे-छोटे स्नैक्स टाइम शामिल हैं तो आप उस दौरान अपने डाइट में प्रोटीन युक्त स्नैक्स जैसे - दही, नट्स, मिल्क शेक, प्रोटीन बार शामिल कर सकते हैं। 
  • प्रोटीन सप्लीमेंट्स 
    जैसे कि हमने सुझाव दिया कि आप प्रोटीन युक्त स्नैक्स में मिल्कशेक शामिल कर सकते हैं। ऐसे में आप इस दौरान मिल्कशेक को प्रोटीन शेक से रिप्लेस कर सकते हैं। प्रोटीन सप्लीमेंट्स या व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट्स को अपनी इंटरमिटेंट फास्टिंग का हिस्सा बना सकते हैं। आजकल कई अच्छे ब्रांड्स के व्हे प्रोटीन मार्किट में मौजूद हैं। उन्हीं में से एक है Nakpro Nutrition के व्हे प्रोटीन। आप डायरेक्ट इसकी वेबसाइट पर जाकर अपने लिए व्हे प्रोटीन ऑर्डर कर सकते हैं। 
  • प्रोटीन फूड से अपना फास्ट ब्रेक करें 
    जब आप अपना फास्टिंग पीरियड तोड़ रहे हों तो अपने ब्लड शुगर लेवल को सही रखने के लिए और एनर्जी के लिए लीन प्रोटीन और फाइबर युक्त सब्जियों और हेल्दी फैट को अपने डाइट का हिस्सा बनाएं। 
  • ह्यड्रेटेड रहना न भूलें 
    इंटरमिटेंट फास्टिंग या किसी भी तरह के फास्टिंग में हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। इसलिए प्रोटीन इंटेक के साथ-साथ वॉटर इंटेक का भी पूरा ध्यान रखें। अपने ईटिंग विंडो के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, इस दौरान जूस, पानी वाले फल-सब्जियां, इलेक्ट्रोलाइट को शामिल करें। 
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कितना प्रोटीन लेना चाहिए? 
    इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान प्रोटीन की आवश्यकता आपकी उम्र, वजन, एक्टिविटी लेवल और फिटनेस गोल्स पर निर्भर करती है। सामान्य रूप से, प्रोटीन की जरूरत इस तरह होती है:
  • सामान्य व्यक्ति के लिए
    0.8-1.2 ग्राम प्रति किलोग्राम बॉडी वेट

उदाहरण के लिए : अगर आपका वजन 70 किलो है, तो आपको 56-84 ग्राम प्रोटीन रोजाना लेना चाहिए।

  • मसल्स बिल्डिंग या एथलीट्स के लिए
    1.5-2.2 ग्राम प्रति किलोग्राम बॉडी वेट
    उदाहरण के लिए : 70 किलो वजन वाले व्यक्ति के लिए 105-154 ग्राम प्रोटीन रोजाना जरूरी हो सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों के लिए प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही तरीके से प्लान करके फास्टिंग के दौरान प्रोटीन की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान बेस्ट प्रोटीन सोर्स - Best Protein Sources for Intermittent Fasting in Hindi 

प्रोटीन का सही फायदा पाने के लिए ऐसे अच्छे स्रोत चुनें जो जरूरी अमीनो एसिड देते हों।

प्लांट बेस्ड प्रोटीन स्रोत:

  • फलियां और बीन्स: दाल, छोले, काली बीन्स और राजमा
  • साबुत अनाज: क्विनोआ, ब्राउन राइस, ओट्स
  • नट्स और बीज: बादाम, चिया बीज, अलसी, भांग के बीज
  • सोया प्रोडक्ट: टोफू, टेम्पेह और एडामे

प्रोटीन सप्लीमेंट्स:

  • व्हे प्रोटीन: व्हे प्रोटीन  बाय प्रोडक्ट है जो दूध से पनीर या चीज़ बनाने के प्रोसेस के दौरान मिलता है। यह प्रोटीन का सबसे प्योर फॉर्म होता है। इसमें जरूरी एमिनो एसिड होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। अगर कोई जिम वर्कआउट करता है, एथलीट है या बॉडीबिल्डिंग में है तो उनके लिए व्हे प्रोटीन एक अच्छा ऑप्शन है। फास्टिंग के दौरान अपने स्मूदी में या शेक में व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट मिलाकर ले सकते हैं। इसके अलग-अलग प्रकार होते हैं और आप अपनी जरूरत के अनुसार अपने लिए सही व्हे प्रोटीन ले सकते हैं।
  • गेनर: अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं और उसी अनुसार अपने डाइट, और फास्टिंग का रूटीन तय कर रहे हैं तो आप अपने डाइट और रूटीन में गेनर भी शामिल कर सकते हैं। गेनर सप्लिमेंट्स में प्रोटीन होने के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट और फैट भी मौजूद होता है, जिससे कैलोरी ज्यादा मिलती है। अगर आप वेट बढ़ाने के लिए अपना डाइट रूटीन बना रहे हैं तो गेनर को इसमें शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान न करें ये गलतियां 


इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है और कुछ गलतियों से बचना जरूरी है :

  • पानी न पीना – हाइड्रेशन की कमी से कमजोरी और सिरदर्द हो सकता है। इसलिए इस दौरान पानी पीने को बिल्कुल अनदेखा ना करें।
  • गलत फूड चॉइस – जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड खाने से फास्टिंग का कोई फायदा नहीं मिल सकेगा। इसलिए ध्यान रहे फास्ट ब्रेक करने के बाद कुछ हेल्दी-पौष्टिक फूड ऑप्शन को डाइट में शामिल करें। 
  • पर्याप्त प्रोटीन न खाना- प्रोटीन की जरूरतों को पूरा न करने से मसल लॉस और स्लो मेटाबॉलिज्म हो सकती है, जो फैट लॉस और पूरे हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।
  • हेवी मील लेना - फास्ट ब्रेक करते समय हेवी मील लेना या अचानक बहुत ज्यादा खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए फास्ट ब्रेक करने के बाद तुरंत कुछ ज्यादा भारी न खाएं, पहले हल्के-फुल्के ड्राई फ़्रूट्स या फल-सलाद खाएं।
  • अन्य पोषक तत्वों को अनदेखा करना - प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन विटामिन और मिनरल्स भी शरीर के लिए उतने ही जरूरी हैं। संपूर्ण पोषण बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल और हेल्दी फैट को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का हिस्सा बनाएं।
  • बिना प्लानिंग के फास्टिंग करना – सही डाइट और समय का ध्यान रखना जरूरी है नहीं तो शरीर को नुकसान हो सकता है। इसलिए अचानक इंटरमिटेंट फास्टिंग न शुरू कर दें, बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ इंटरमिटेंट फास्टिंग करें। अगर किसी तरह की हेल्थ प्रॉब्लम है तो इंटरमिटेंट फास्ट करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की राय जरूर लें। 

नोट: यह आर्टिकल इंटरमिटेंट फास्टिंग को फिटनेस और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इसका उद्देश्य केवल स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है। इसे किसी भी धार्मिक संदर्भ में या धार्मिक व्रत के समान न समझें। किसी भी डाइट प्लान को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट से भी सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष:
मसल्स को स्वस्थ रखने के लिए, भूख को कंट्रोल करने के लिए और मेटाबॉलिज्म हेल्थ के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ प्रोटीन सेवन को संतुलित करना जरूरी है। हाई क्वालिटी वाले प्रोटीन स्रोतों को शामिल करके, मील प्लान बनाकर और सामान्य गलतियों से बचकर, आप अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं से समझौता किए बिना इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे उठा सकते हैं। चाहे आप एथलीट हों, फिटनेस के शौकीन हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करना चाहता हो, तो ऐसे में प्रोटीन इंटेक को बैलेंस करके आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग लाइफस्टाइल का पालन करते हुए बेहतर रिजल्ट मिल हो सकते हैं।


Reference
https://www.webmd.com/diet/intermittent-fasting
https://drink-vieve.co.uk/blogs/news/can-you-consume-protein-drinks-while-intermittent-fasting#:~:text=You%20can%20have%20a%20protein,have%20a%20number%20of%20calories.
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https://www.webmd.com/diet/intermittent-fasting
https://www.healthline.com/health-news/intermittent-fasting-protein-pacing-weight-loss#How-to-incorporate-protein-pacing-into-your-diet