लोग आजकल फिटनेस को लेकर काफी ज्यादा जागरूक हो चुके हैं। हर कोई योग, जिम, एथलीट्स, स्पोर्ट्स के क्षेत्र में थोड़ा न थोड़ा वक्त जरूर दे रहे हैं। वहीं, जब फिट रहने की बात आए और जिम में घंटों पसीना बहाने की बात आए तो लोग डाइट, हाइड्रेशन, सप्लीमेंट्स जैसी कई चीजों पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच लोग एक जरूरी रूटीन को अनदेखा कर जाते हैं और वो है अच्छीं नींद। इसमें कोई शक नहीं है कि नींद पूरे ओवर ऑल हेल्थ के लिए जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही साथ मांसपेशियों की रिकवरी और ग्रोथ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चाहे आप प्रोफेशनल एथलीट हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो नियमित रूप से कसरत करता हो, पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद लेने से आपके परफॉरमेंस में बेहतरीन सुधार हो सकता है और आपको अपने फिटनेस लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
आज के हमारे इस खास आर्टिकल में हम मांसपेशियों की रिकवरी और नींद के बीच संबंध से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करेंगे। फिटनेस के लिए कितनी नींद चाहिए, अच्छी नींद कैसे लें और ऐसे ही कई सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल को पढ़ते-पढ़ते मिल जाएंगे। तो बिना देर करते हुए नींद और फिटनेस का संबंध जानिए इस खास आर्टिकल से।
विषय सूची:
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नींद और मांसपेशियों की रिकवरी से जुड़ी जानकारी
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जानिए अच्छी नींद मांसपेशियों की रिकवरी में कैसे मदद करती है- फायदे - Importance Of Sleep For Muscle Growth In Hindi
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अच्छी नींद कैसे लें - Tips For Better Sleep In Hindi
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मसल्स रिकवरी या फिटनेस के लिए कितनी नींद चाहिए?
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नींद की कमी के नुकसान - The Risks of Poor Sleep In Hindi
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निष्कर्ष
नींद और मांसपेशियों की रिकवरी से जुड़ी जानकारी
नींद एक जटिल और हमेशा बदलती रहने वाली प्रक्रिया है जो फिजिकल रिकवरी और सामान्य स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। नींद के दौरान कई शारीरिक प्रक्रियाएँ होती हैं, जो मांसपेशियों के विकास, रिपेयर और स्वास्थ्य लाभ के लिए सबसे जरूरी होती हैं। इस संबंध में, नींद के दो चरण - आरईएम यानी रैपिड आई मूवमेंट (REM-Rapid eye movement) नींद और गहरी नींद यानी डीप स्लीप जिसे आमतौर पर स्लो-वेव स्लीप के रूप में जाना जाता है - मुख्य भूमिका निभाते हैं।
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गहरी नींद: शरीर का रिस्टोरिंग फेज
बहुत ज्यादा नींद आने के वक्त को अक्सर शारीरिक आराम के समय के तौर पर माना जाता है। मांसपेशियों के विकास और रिपेयरमेंट के लिए जरूरी डेवलपमेंट हार्मोन इस वक्त रिलीज होता है। यह हार्मोन वास्तव में मांसपेशियों और टिश्यू ग्रोथ को बढ़ावा देता है; इसलिए एथलीटों के लिए, जो अपने शरीर पर दबाव डालते हैं, उनके लिए गहरी नींद जरूरी है। बस एक उदाहरण दिखाने के लिए,जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में हुए अध्ययन और शोध से पता चला है कि जो लोग पर्याप्त मात्रा में गहरी नींद लेते हैं, उनमें ग्रोथ हार्मोन का लेवल उन लोगों की तुलना में ज्यादा होता है जो पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। इसलिए जो कोई भी अपने परफॉरमेंस और मांसपेशियों की रिकवरी में सुधार करना चाहता है, उसके लिए अच्छी नींद पर ध्यान देना जरूरी है।
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आरईएम नींद (REM Sleep): मस्तिष्क की पुनर्प्राप्ति अवस्था
शारीरिक रिकवरी गहरी नींद की खूबी है, जबकि रैपिड आई मूवमेंट नींद वह प्रकार है जो हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। REM नींद के दौरान, मस्तिष्क मेमोरीज को जोड़ता है, नई जानकारी को संसाधित करता है और भावनाओं को कंट्रोल करता है। यह एथलीटों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि मानसिक शार्पनेस और इमोशनल फ्लेक्सिबिलिटी परफॉरमेंस पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
मान लीजिए कि किसी खिलाड़ी ने अभी-अभी फुटबॉल का एक अहम मैच पूरा किया है। ऐसे में आरामदायक REM-साइक्लिंग नींद के जरिए शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होने का मौका मिलेगा और इससे उन्हें अगली चुनौती के लिए तैयार होने में भी मदद मिलेगी। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर एथलीट अच्छी REM नींद का अनुभव करते हैं, तो वे बेहतर प्रदर्शन, तेज रिएक्शन देने में और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
जानिए अच्छी नींद मांसपेशियों की रिकवरी में कैसे मदद करती है- फायदे - Importance Of Sleep For Muscle Growth In Hindi
नींद लेना और मांसपेशियों की रिकवरी आपस में सहायक होते हैं। एक तरफ, नींद हीलिंग प्रोसेस को तेज करती है, जबकि नींद की क्वालिटी रिकवरी में मदद करती है। अगर एथलीट कड़ी मेहनत करते हैं, तो मसल्स फाइबर की रिपेयरिंग और कायाकल्प में नींद सर्वोपरि हो जाती है। इसलिए नींद को प्राथमिकता देने से वे ट्रेनिंग की इन शारीरिक जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। आगे हम नींद के फायदे के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1. हॉर्मोन रिलीज
गहरी नींद के दौरान, आपका शरीर ग्रोथ हॉर्मोन रिलीज करता है, जो मसल्स रिपेयर और डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण है। यह हॉर्मोन मांसपेशियों के ऊतकों को रिबिल्ड करने में मदद करता है और नई मांसपेशियों के विकास को प्रोत्साहित करता है।
2. प्रोटीन सिंथेसिस
नींद वह समय है जब आपका शरीर प्रोटीन सिंथेसिस में व्यस्त हो जाता है - नई मसल्स फाइबर की रिपेयरिंग और निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आसान शब्दों में समझें तो डैमेज मसल टिश्यू को रिपेयर करता है और नई मांसपेशियों का निर्माण करता है। पर्याप्त नींद के बिना, यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसलिए मसल्स रिपेयरमेंट के लिए पर्याप्त जरूरी है।
3. सूजन कम कर सकता है
पर्याप्त नींद शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है। कम सूजन का मतलब है मांसपेशियों में दर्द और अकड़न कम होती है और आप जल्दी ठीक होते हैं। वहीं, तेजी से ठीक होना, शरीर में कम दर्द होने से आपका शरीर अगले वर्कआउट में बेहतर परफॉरमेंस देने के लिए तैयार होने लगता है।
4. बेहतर फोकस
मांसपेशियों की रिकवरी सिर्फ शारीरिक नहीं होती। आपके मस्तिष्क को भी तेज रहने के लिए आराम की जरूरत होती है। नींद से ध्यान, कोआर्डिनेशन और प्रेरणा में सुधार होता है - ये सभी ट्रेनिंग और फिटनेस रूटीन पर टिके रहने के लिए जरूरी है। देखा जाए तो नींद दिमाग को भी रीचार्ज करती है। जब आप अच्छी नींद लेते हैं, तो अगली बार वर्कआउट के दौरान आपका फोकस, मोटिवेशन और एनर्जी लेवल बेहतर रहता है। वहीं, अगर नींद सही न हो तो आपके मूड में भी बदलाव हो सकता है जैसे कि चिड़चिड़ापन, थकान जैसी समस्याएं हो सकती है। इसलिए बेहतर वर्कआउट परफॉरमेंस और ट्रेनिंग के लिए नींद काफी जरूरी है ताकि आप अपने ट्रेनिंग पर सही ढंग से फोकस कर सकें।
5. चोट लगने का जोखिम कम
नींद की कमी के कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं और उनमें से एक है कम नींद होने के कारण, चोट लगने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। नींद की कमी और थकान आपस में जुड़े होते हैं। दरअसल, जब व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है या व्यक्ति कम सोता है तो उनमें थकान और फोकस की कमी होने लगती है। इसका असर उनके डेली रूटीन और वर्कआउट में देखने को मिल सकता है। वहीं, इससे वर्कआउट करते वक्त ध्यान हटने और चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि उस वक्त व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में थका हुआ रहता है और हेवी वर्कआउट या ट्रेनिंग के दौरान कंट्रोल खोकर चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए चोट लगने के जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेना काफी जरूरी है।
अच्छी नींद कैसे लें - Tips For Better Sleep In Hindi
एथलीटों और फिटनेस के प्रति उत्साही लोगों के लिए नींद की क्वालिटी में सुधार लाने और मांसपेशियों की रिकवरी के लिए नींद के लाभ को अधिकतम करने के लिए कई उपाय मौजूद हैं। लेख के इस भाग में हम ऐसे ही कुछ आसान से टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप आसानी से बेहतर नींद ले सकते हैं:
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आदत: हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। अपने शरीर के लिए एक आदत बनाएं और उसी पर नियंत्रण करके नींद की गुणवत्ता में सुधार करें।
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सोने से पहले एक शांतिपूर्ण रूटीन बनाएं: अपने शरीर को कुछ अच्छी और शांत आदतों के साथ नींद के लिए तैयार करें। एक बेडटाइम रूटीन बनाएं, इसके लिए सोने से पहले पढ़ना, स्ट्रेचिंग या माइंडफुलनेस व्यायाम जैसे शांतिपूर्ण कार्य करें।
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स्क्रीन टाइम कम करें: स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद के हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है। यही कारण है कि सोने से कम से कम एक घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर देना चाहिए। सोने से पहले अपने मोबाइल, टैब, लैपटॉप जैसे गैजेट्स को दूर रख दें।
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जितना संभव हो कमरे का अच्छा माहौल बनाएँ: एक शांत, अंधेरा और ठंडा स्थान नींद को बेहतर बनाने में काफी मदद करेगा। सही नींद के माहौल के लिए इयरप्लग, ब्लैकआउट पर्दे या हल्का म्यूजिक चलाएं। रूम को न ज्यादा ठंडा न ज्यादा गर्म रखें, एक अच्छा टेम्प्रेचर तय कर लें। साथ ही हल्की म्यूजिक से अपने आपको रिलैक्स करें।
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अपने खाने पर ध्यान दें: सोने से ठीक पहले बहुत ज्यादा खाना, कैफीनयुक्त ड्रिंक पीने से बचें क्योंकि ये आपकी नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। इसके बजाय, बादाम या केले जैसे हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो नींद को बढ़ावा देते हैं। साथ ही सोने से कुछ घंटे पहले डिनर कर लें और हो सके तो डिनर के बाद थोड़ी देर वॉक भी जरूर करें।
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रिलैक्सिंग हैबिट अपने रूटीन में शामिल करें: कई एक्टिविटीज जो मन को रिलैक्स करती हैं, जैसे योग, ध्यान, या यहां तक कि गहरी सांस लेना, नींद लाने में मदद के लिए शुरू की जा सकती हैं।
मसल्स रिकवरी या फिटनेस के लिए कितनी नींद चाहिए?
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आमतौर पर एडल्ट्स को हर रात 7–9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
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अगर आप नियमित वर्कआउट करते हैं या एथलीट हैं, तो आपको 9 घंटे या उससे ज्यादा नींद की जरूरत हो सकती है।
नींद की कमी के नुकसान - The Risks of Poor Sleep In Hindi
नींद की कमी से रिकवरी धीमी हो सकती है, चोट लगने का जोखिम बढ़ सकता है, ताकत और सहनशक्ति कम हो सकती है और आपकी प्रेरणा प्रभावित हो सकती है। अगर आप अपने वर्कआउट में मेहनत कर रहे हैं, लेकिन नतीजे नहीं दिख रहे हैं, तो इसका कारण खराब नींद हो सकती है।
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मांसपेशियों की रिकवरी धीमी हो जाती है
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थकान और सुस्ती बनी रहती है
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चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है
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वर्कआउट का असर कम हो जाता है
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मोटिवेशन और प्रदर्शन दोनों पर असर पड़ता है
निष्कर्ष
नींद से सिर्फ एथलीट्स, फिटनेस प्रेमियों को ही लाभ नहीं होता है, बल्कि अच्छी और पर्याप्त नींद से सभी को फायदा होता है। इस तरह की नींद की प्राथमिकता उन लोगों को लाभ पहुँचाती है जो नॉर्मल वर्कआउट या वॉक जैसी एक्टिविटी करने में एक्टिव रहते हैं। चाहे वह नियमित रूप से जिम जाना हो या सिर्फ वीकेंड में वर्कआउट करना हो, पर्याप्त नींद लेना और सही तरह से तरोताजा होना, फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है, बेहतर दृष्टिकोण के साथ, बेहतर वर्कआउट करने के लिए। इसके साथ ही साथ अपने आपको हेल्दी रखने के लिए हर किसी को सही नींद लेना जरूरी है।
अब इसका मतलब यह नहीं कि 8 से 9 घंटे की नींद अगर रात में पूरी नहीं हो रही तो दिन में सोकर उसे मैनेज किया जाए। इससे कोई फायदा नहीं होगा, नींद को सही वक्त पर सही रूटीन के साथ पूरा करने से ही हेल्दी फायदे मिलेंगे। इसके साथ ही हेल्दी डाइट और हेल्दी डेली रूटीन भी फॉलो करना जरूरी है। उम्मीद है हमारे इस खास लेख से आपको मांसपेशियों की रिकवरी और नींद से जुड़ी सारी जरूरी जानकारियां मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य आर्टिकल्स पढ़ने के लिए विजिट करते रहें हमारी वेबसाइट www.nakpro.com।
